उद्धव गुट में सेंध लगाने वाला शख्स कौन? इंडिया गठबंधन के सांसदों से कैसे करवा दी क्रॉस वोटिंग
- Adam Human Rights Wala
- 9 जन॰
- 3 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 12 सित॰

उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की शानदार जीत के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन में इस बात को लेकर खलबली मची हुई है कि आखिर उसके खेमे के सांसदों ने कैसे और किसके इशारे पर क्रॉस वोटिंग की है।
इन अटकलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हैं। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने 'वोट खरीदने' के लिए प्रति सांसद 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी TMC के सभी 41 सांसदों (28 लोकसभा सदस्य और 13 राज्यसभा सदस्य) ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में मतदान किया है। दूसरी तरफ, शिवसेना नेता संजय निरुपम ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) और शरद पवार की अगुवाई वाली NCP समेत विपक्षी इंडिया गठबंधन के 16 सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की और सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान किया।
16 सांसदों ने की 'क्रॉस-वोटिंग'
मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन को विपक्षी उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को मिले 300 वोटों के मुकाबले 452 वोट मिले। यह संख्या NDA की अनुमानित संख्या से 16 ज्यादा है। लिहाजा, इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि 16 सांसदों ने उनके पक्ष में 'क्रॉस-वोटिंग' की है। चर्चा इस बात की भी है कि क्रॉस वोटिंग करने वालों में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के सांसद हैं। भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारकर महाराष्ट्र और तमिलनाडु का दांव चला था। हालांकि, तमिलनाडु कार्ड नहीं चल पाया लेकिन महाराष्ट्र का दांव चल गया।
किसके इशारे पर हुआ क्रॉस वोटिंग का खेल?
निरुपम ने दावा किया है कि उद्धव गुट के पांच सांसदों ने कॉस वोटिंग की है। ऐसे में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि इस खेल का मुख्य खिलाड़ी कौन था। इंडियन एक्सप्रेस के डेल्ही कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे को केंद्रीय नेतृत्व ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन के लिए समर्थन जुटाने के लिए चुना था। रिपोर्ट में अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि श्रीकांत ने शिंदे ने न केवल एनडीए सांसदों को एकजुट रखा, बल्कि महाराष्ट्र से राधाकृष्णन के लिए कुछ अतिरिक्त वोट जुगाड़ करने में भी कामयाबी हासिल की।
शिंदे ने क्या कहा?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 38 वर्षीय शिंदे ने ऐसा इसलिए सफलतापूर्वक किया क्योंकि सभी दलों में उनके दोस्त हैं। एकनाथ शिंदे ने भी बाद में सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर इसका इशारा करते हुए लिखा, "इंडिया' गठबंधन और महा विकास आघाडी (एमवीए) में हमारे उन दोस्तों का विशेष धन्यवाद जिन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और एनडीए का समर्थन किया। कभी-कभी अंतरात्मा की आवाज पार्टी व्हिप पर भारी पड़ जाती है।
भाजपा ने साधे एक तीर से कई निशाने
बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू के संजय झा के साथ-साथ श्रीकांत शिंदे को भी NDA का पोलिंग एजेंट बनाया गया था। इन दोनों के अलावा केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू और पामी नायडू भी पोलिंग एजेंट बनाए गए थे। श्रीकांत शिंदे शिवसेना के संसदीय दल के नेता भी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा नेतृत्व ने श्रीकांत शिंदे को यह जिम्मेदारी देकर महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना (शिंदे) के बीच तनावपूर्ण संबंधों को भी पाटने की कोशिश की है। अटकलों के बीच, भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व न केवल शिंदे से गदगद नजर आ रहा है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता दिख रहा है कि उसके गठबंधन सहयोगी को खुश रखा जाए।














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