5 मंजिल की अनुमति पर खड़ी कर दी 18 मंजिला इमारत !
- Adam Human Rights Wala
- 14 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 24 सित॰

यह कारनामा सुदामा बिल्डर ने मिरा भाईंदर महानगरपालिका के भ्रष्ट अधिकारीयों के साथ मिलकर किया है।
मीरा भाईंदर शहर में एक और बिल्डर का चौंका देने वाला कारनामा सामने आया है। इस बार भाईंदर के सुदामा बिल्डर ने मनपा प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए 5 मंजिल की अनुमति पर 18 मंजिला की इमारत का निर्माण कर दिखाया है।
मीरा भाईंदर शहर में बिना नियम - कानून की परवाह किये अनेकों अवैध निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।
मिरा भाईंदर महानगरपालिका अवैध निर्माणो को रोकने में पूरी तरह विफल है या यह कह सकते हैं कि पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है।
भाईंदर पश्चिम के डिमार्ट परिसर में मीरा भाईंदर महानगरपालिका का प्रभाग समिति कार्यालय मौजूद है। इस मनपा कार्यालय से महज कुछ ही मीटर दूरी पर सुदामा बिल्डर द्वारा यह बहुमंजिला इमारत 'सुदामा वल्लभ' का निर्माण किया जा रहा है।
संबंधित विभागों से जानकारी लेने पर पता चला कि उक्त इमारत के निर्माण हेतु मनपा के नगर रचना विभाग ने 01 जून 2022 को पार्ट स्टिल्ट + 3 पार्ट पोडियम + 5 मंजिल की ईमारत बनाने की अनुमति (C.C.) जारी की थी और इसके बाद मनपा ने कोई रिवाइज CC जारी नहीं की है।
2 साल बाद, जुलाई 2024 में प्रभाग समिति क्रमांक 1 के तत्कालीन वार्ड अधिकारी ने उक्त इमारत के विकासक प्रवीण वोरा एवं सलाहकार अभियंता बी.ए.सी प्लानर्स एंड इंजीनियर्स को एम.आर.टी.पी ऐक्ट 1966 की धारा 531(A) के तहत नोटिस जारी किया था। उक्त नोटिस के अनुसार आज से करीब सात महीने पहले इमारत का 15 मंजिल तक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका था, तदानुसार विकासक को अवैध रूप से बनाए गए 10 मंजिल का अतिरिक्त अवैध निर्माण 30 दिन के भीतर स्वयं तोड़ने का आदेश दिया गया था, अन्यथा मनपा द्वारा ध्वस्तीकरण की कारवाई की जाने की चेतावनी दी गई थी।
39 दिन बीत जाने के बाद भी मनपा प्रशासन ने अतिरिक 10 मंजिल के अवैध निर्माण पर ध्वस्तीकरण कारवाई नहीं की है। इस बीच प्रभाग अधिकारी का तबादला भी हो गया। परिस्थिति का फायदा उठाते हुए बिल्डर ने इमारत का अवैध निर्माण जारी रखा और परिणामस्वरूप आज 18 वीं मंजिल तक इमारत का निर्माण कार्य पहुंच चुका है।
खास बात यह है कि मनपा के जिस विभाग ने निर्माण अनुमति जारी की वह विभाग इस इमारत में हो रहे अतिरिक्त अवैध निर्माण से अंजान होने का दिखावा कर रहा है।
प्रभाग अधिकारी द्वारा नगर रचना विभाग को जानकारी देने के बाद भी विभाग ने बिल्डर को 'स्टॉप वर्क नोटिस' तक जारी नहीं किया।
हालांकि, नगर रचना विभाग ने बिल्डर को अतिरिक्त अवैध निर्माण करने के कारण केवल दंड भरने को कहा। बताया जा रहा है कि इस दंड को भरकर बिल्डर अपने अवैध निर्माण को टूटने से बचा लेगा और मनपा रिवाइन CC जारी कर देगी और इतने महीनों से मनपा के नाक के नीचे खुलेआम अवैध निर्माण करने के बावजूद बिल्डर के विरुद्ध कोई कारवाई नहीं की जायेगी। देखा जाए तो अवैध निर्माणकर्ताओं के आगे मनपा प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 5 मंजिल तक निर्माण अनुमति होने के बावजूद बिल्डर ने ना सिर्फ ऊपरी मंजिलों का धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया बल्कि ऊपरी मंजिल के फ्लैटों की बिक्री / बुकिंग भी की है। यह गंभीर जांच का विषय है कि 2022 से लेकर आज तक बिल्डर ने 5वीं मंजिल के ऊपर बने अवैध फ्लैटों में से कितनों की बिक्री / बुकिंग कर आम जनता को ठगने का काम किया है।
नगर रचना विभाग से जुडे एक अधिकारी ने बताया कि उक्त मामले में विभाग ने इमारत के अतिरिक्त अवैध निर्माण पर नियमानुसार लगभग 1.41 करोड़ का दंड लगाया है, विकासक द्वारा दंड भुगतान की प्रक्रिया जारी है।
ऐसे कई उदाहरण है, जिसमें नोटिस देने के बाद मनपा के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करते। नोटिस के जरिए अधिकारी केवल बिल्डरों को डराकर अपनी जेब गरम कर लेते हैं। इस प्रकरण में नगर रचना विभाग ने बिल्डर को 'स्टॉप वर्क नोटिस' तक जारी नहीं किया, जिसके कारण इमारत का अवैध निर्माण धड़ल्ले से होता रहा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियाँ उड़ाती मिरा भाईंदर महानगरपालिका
सुप्रीम कोर्ट नका कहना है कि अवैध निर्माण को, चाहे वह कितना भी पुराना हो उसे नियमित नहीं किया जा सकता। “सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि स्थानीय प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत भवन योजना का उल्लंघन करके या उससे हटकर बनाए गए निर्माण और बिना किसी भवन योजना स्वीकृति के दुस्साहसिक तरीके से बनाए गए निर्माण को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता।
यह एक गंभीर विषय है, इसलिए मनपा आयुक्त को इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए।














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